12 अप्रैल से
12 मई तक रहेगा
रमजान पर निबंध हिंदी लेख 2021
तो जैसे आप सभी को पता है कि ईद मुस्लिमो का सबसे “पवित्र” तेव्हार है और यह सब से बड़ा भी माना जाता है क्यू कि यह एक महीने के रोजे यानि “उपवास” रखने के बाद मनाया जाता है तो चलिए जान लेते है इस त्यौहार के बारे में क्यू ये मुस्लिमो का सबसे बड़ा और पवित्र माना जाता है
रमजान क्या है ? रमजान हिजरी केलन्डर के 9 वे महीने में मनाया जाता है जिसमे मुस्लिम समुदाय के जितने भी लोग होते है वो सभी उपवास रखते है जिसमें मर्द औरत और बच्छे भी उपवास रखते है मै आपको बता दू की जब बाचा समझदार यानि जब वह समझने लगता है की हा वो रोज़ा रख सकता है तो वो रोज़ा रखना शुरू कर देता है इसमें सभी सुबह से ले कर शाम तक उपवास रखते है जिसमे उनको कुछ कुछ भी खाना पीना नहीं होता है जी हा दोस्तों यहाँ तक की एक घूंट पानी भी नहीं पी सकते है यह एक ऐसा त्यौहार जिसमे भूखे रह के अल्लाह की इबादत करते है और मै आपको बता दू ये ऐसा उपवास होता है जिसमे अगर आप किसी को बुरा कहते है
या आप किसी का दिल दुखाते है तो फिर उपवास का कोई अर्थ नहीं होता है यानि इसका मतलब आप समझ गए न कि ये कितना पवित्र त्यौहार है यानि रमजान सिर्फ भूखे रहने का त्यौहार नहीं बल्कि रब को यद् करना दिल से तन से भी जिसमे सभी अल्लाह की इबादत करते है इस महीने में सैतान को बंदी बना लिया जाता है ताकि कोई गलत न करे और साफ दिल से अल्लाह की इबादत करे
रमजान क्या है ? रमजान हिजरी केलन्डर के 9 वे महीने में मनाया जाता है जिसमे मुस्लिम समुदाय के जितने भी लोग होते है वो सभी उपवास रखते है जिसमें मर्द औरत और बच्छे भी उपवास रखते है मै आपको बता दू की जब बाचा समझदार यानि जब वह समझने लगता है की हा वो रोज़ा रख सकता है तो वो रोज़ा रखना शुरू कर देता है इसमें सभी सुबह से ले कर शाम तक उपवास रखते है जिसमे उनको कुछ कुछ भी खाना पीना नहीं होता है जी हा दोस्तों यहाँ तक की एक घूंट पानी भी नहीं पी सकते है यह एक ऐसा त्यौहार जिसमे भूखे रह के अल्लाह की इबादत करते है और मै आपको बता दू ये ऐसा उपवास होता है जिसमे अगर आप किसी को बुरा कहते है
या आप किसी का दिल दुखाते है तो फिर उपवास का कोई अर्थ नहीं होता है यानि इसका मतलब आप समझ गए न कि ये कितना पवित्र त्यौहार है यानि रमजान सिर्फ भूखे रहने का त्यौहार नहीं बल्कि रब को यद् करना दिल से तन से भी जिसमे सभी अल्लाह की इबादत करते है इस महीने में सैतान को बंदी बना लिया जाता है ताकि कोई गलत न करे और साफ दिल से अल्लाह की इबादत करे
रोजा रखने का तरीका
इस साल रमजान जो है वो 12 अप्रैल से 12 मई तक रहेगा ये पूरे एक महीने तक मनाया जाता है इसमें सूर्यास्त से पहले यानि फज़र के समय कुछ मीठा खाया जाता है और उसके बाद सुर्यास्त यानि मग़रिब के नमाज के बाद मीठे चीज़ो से तोड़ा जाता है जिसमें परिवार के सभी लोग एक जगह बैठ के रोज़े तोरते है और अपने पड़ोसी को भी इफ्तार खिलते है इससे ये पता चलता है रमजान पवित्र के साथ साथ यह एक आपसी भाईचारा को भी बनाता है जिससे आपस में प्यार बना रहे
इस बातों कभी न करे :
1.झूठ न बोले
2.चोरी न करे
3.रिस्वत से बचे
4.किसी का दिल न दुखाए
5.गाली न दे
6.किसी से लड़ाई करने से बचे
7.शारीरिक सम्भन्ध भी न बनाये
8.जान भुझ कर उलटी न करे
9.किसी भी औरत को गलत नज़र से देखने से बचे
10.दूसरे की बुराइया न करे
ये जरुर करे रमजान में :
1.ज्यादा से ज्यादा अल्लाह को याद करे
2.क़ुरआन पढ़े
3.नमाज़ जरुर पढ़े
4.हमेशा एक दूसरे की मदद करे
5.अपने पड़ोसी का ख्याल रखे
6.जकात दे
7.रोजेदार को अपने यहां इफतर कराये
8.बरस न करे मिस्वाक (दातुन ) करे
क्यू की इस महीने में अगर आप ये सब करते है तो अल्लाह पाक आपको 70 गुना ज्यादा सबब देता है
रोजा कब माफ् होता है :
1.बीमारी में : अगर डॉक्टर ने आपको भुखा न रहने यानि दवा खाने को जरुरी बताया है तो आप रोज छोर सकते है
2.बच्चे और ज्यादा भूढ़े होने पर अगर वो काबिल न हो तो रोजा नहीं रख सकते है
3.प्रेगनेंट के समय या अगर किसी को रोजे के समय बच्चा हुआ हो और उनको अपने बच्चे को दूध पिलाना हो तो वो भी रोजा छोर सकते है
4.अगर आप किसी सफ़र में है तो उस समय भी रोजा माफ् है
किन हाल में रोजा नहीं टूटता :
1. अगर आप गलती से कुछ खा लेते है या पानी पी लेते है और आपको याद न रहे तो उस समय आपका रोजा नहीं टूटता है
2 .नहाने के समय अगर गलती से मुंह के अंदर पानी चला जाये तो आपका रोजा नहीं टूटता है
3.थूक निगलने से भी रोजा नहीं टूटता है
4.नाख़ून काटने या बल धहड़ी बनने से रोज़ा नहीं टूटता

