ईद मुसलमानों का एक पाक पर्व है, जिसे जिसे पूरे विश्व भर में मुसलमानों द्वारा हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है ।



ईद का महत्व

ईद मुस्लिम धर्म में अपना एक अलग महत्व रखता है, ईद को खुदा का पर्व भी कहा जाता है इस दिन हम खुदा की इबादत करते हैं और उस परवरदिगार से हम मुरादें मांगते हैं और कहते हैं कि अल्लाह ताला हमें हर बुरी बला से बचाए एवं हमें अच्छे रास्ते दिखाएं खुदा का पैगाम यही है कि हमें नेक कर्म करने हैं और खुदा के प्रति लगाव बनाए रखना है
रमजान के 30 दिनों के बाद ईद आती है ईद से पहले रमजान का पवित्र महीना होता है जिसमें मुसलमान भाई सूर्य उदय से पहले हाथ मुंह धो कर कुछ खा कर पूरा दिन उपवास रखते हैं और दिन में 5 वक्त का नमाज अदा करते हैं इसके बाद शाम में सूर्य अस्त के बाद गरीबों को भोजन खिला कर वह खुद हाथ मुंह धो कर कुछ खाते हैं |



रमजान के 30 दिनों के बाद ईद आती है ईद से पहले रमजान का पवित्र महीना होता है जिसमें मुसलमान भाई सूर्य उदय से पहले हाथ मुंह धो कर कुछ खा कर पूरा दिन उपवास रखते हैं और दिन में 5 वक्त का नमाज अदा करते हैं इसके बाद शाम में सूर्य अस्त के बाद गरीबों को भोजन खिला कर वह खुद हाथ मुंह धो कर कुछ खाते हैं |

ईद कब मनाया जाता है ?


ईद प्रत्येक वर्ष मनाया जाता है ईद मई में मनाई जाती है तो इससे ईद उल जोहा के नाम से जाना जाता है |
इस साल 24 may ईद को मनाया जायेगा

 ईद के दिन क्या होता है



ईद का त्यौहार हर वर्ष दो बार आता है और ईद रमजान के 30 दिन बाद मनाया जाता है इस त्यौहार में हम नए कपड़े पहन कर ईदगाह जाते हैं जहां पर मेला लगा होता है |

ईद के दिन घरों में पकवान बनाए जाते हैं जिसमें सेवइयां प्रमुख होती है इस दिन गरीब अमीर सभी के घरों में पकवान बनाए जाते हैं और जो लोग पकवान बनाने में असमर्थ होते हैं उनकी मदद भी की जाती है क्योंकि खुदा ने कहा है कि अगर आप किसी की मदद करते हो तो परवरदिगार हमेशा आपके साथ रहेंगे और आप खुदा के बंदे कहलाओगे इसीलिए जो भी अमीर परिवार होते हैं जिनके पास पैसा होता है वह गरीबों को सेवइयां एवं उनके बच्चों के लिए कपड़े बांटते हैं यह मानवता धर्म को भी दर्शाता है हमें हमेशा गरीबों की मदद करनी चाहिए जरूरतमंदों की मदद करनी चाहिए यह सबसे बड़ा धर्म है ।



इस दिन बच्चों को माता-पिता कुछ पैसे देते हैं जो ईदी कहलाती है चाहे बच्चे बड़े क्यों न हो जाए माता-पिता उन बच्चों को कुछ रुपए कुछ तोहफा देते हैं जो उनके लिए किसी दुआ से कम नहीं होता है 

 है इसके कुछ महीने बाद ही बकरीद पर्व को मनाया जाता है जिसमें एक दिन कुर्बानी दी जाती है बकरे भेड़ गाय भैंस आदि की और खुदा की इबादत की जाती है ।

यह कुर्बानी इब्राहिम की याद में दी जाती है क्योंकि इब्राहिम ने अपने खुदा को खुश करने के लिए अपने बेटे तक की कुर्बानी दे दी थी हालांकि बाद में खुदा ने उसकी इबादत देखकर उसे उसका बेटा वापस कर दिया इसी याद में कुर्बानी दी जाती है ।

ईद में चांद का दीदार



ईद के दिन चांद का दीदार करना  पाक माना जाता है और इस दिन चांद भी अपने आगोश में होता है और अपनी छोटी सी झलकियां देखकर वह सभी मोमिनो को अपनी पनाह देता है खुदा की इबादत करना चाहिए और हमें कभी झूठ नहीं बोलना चाहिए हमें चांद की तरह साफ होना चाहिए ।

ईद का मेला ईदगाह



ईद के दिन मेला भी लगता है इस मेले को ईदगाह भी कहते हैं क्योंकि यहां पर अलग-अलग प्रकार के दुकानें होती हैं जिनमें बहुत सारा खिलौना किताबें एवं मिठाइयां मिलती है बच्चों को इस मेले का बहुत इंतजार होता है क्योंकि इस मेले में उनके माता-पिता उन्हें काफी सारी चीजें खरीद कर देते हैं जिन को पाकर वह काफी खुश हो जाते हैं और यह उनके लिए ईद का तोहफा होता है ।

ईद के दिन खुदा का संदेश



खुदा ने हमेशा यही कहा है कि जरूरतमंदों की मदद करनी चाहिए और हमेशा हमें कुरान शरीफ के प्रति ईमानदार होना चाहिए और पांच वक्त का नमाज अदा करना चाहिए हमें कभी झूठ नहीं बोलना चाहिए और सच्चा मुसलमान बनना चाहिए ।

ईद मिलन

ईद एक प्रेम का त्यौहार है जिसमें हम लोग आपस में गले मिलते हैं एक दूसरे को ईद की मुबारकबाद देते हैं और कहते हैं ईद मुबारक ।

ईद के दिन मक्का मदीना में क्या होता है ?

ईद के दिन मक्का मदीना में काफी भीड़ होती है और यह पर्व मक्का मदीना के लोगों के लिए सबसे महत्वपूर्ण होता है इस दिन मक्का मदीना में नमाज अदा की जाती है ना और दूर-दूर से आए हुए मोमिनो को परवरदिगार का दीदार मक्का मदीना में करने को मिलता है उस दिन पूरे मक्का मदीना को सजाया जाता है और वहां का माहौल काफी खुशनुमा होता है लोग आपस में ईद मुबारक कहते हैं और गले मिलते हैं जो देखने में काफी अच्छा लगता है लाखों की संख्या में मोमिन नमाज अदा करते हुए खुदा की इबादत करते हैं जो अपने आप में एक अलग व्याख्या करती है |


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