होली रंगों का त्योहार है जिसे हम सभी भारतवासी मिलजुल कर मनाते हैं होली खुशियों का त्यौहार है जिसमें रंग हमारी खुशियों को बताता है ।

इस त्यौहार में हम हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई सभी मिलकर आपस में प्रेम पूर्वक इस त्यौहार को बड़े ही अच्छे तरीके से मनाते हैं ।

हमारी होली विश्व प्रसिद्ध  मथुरा में खासकर मथुरा में होने वाली होली में भाग लेने के लिए विश्व भर से पर्यटक यहां आते हैं ।



होली का महत्व

होली का त्यौहार अपने आप में एक अलग महत्व रखती है हमारे देश में अनेक मान्यता एवं कहानियां है होली को लेकर वर्तमान समय में हम होली को रंगों का त्योहार मानते हैं लेकिर मानते हैं लेकिन प्राचीन काल में होली एक विजय पर्व के रूप में मनाया जाता था

 हिर्नाहा कश्यप ने प्रह्लाद को मारने के लिए अग्निकुंड में उसे फेंक दिया तब हिना कश्यप को बचाने के लिए होलिका आग से बाहर निकली और अपने प्रह्लाद को बचाया यह एक प्राचीन कथा है जिस प्राचीन कथा को हम बचपन से सुनते आ रहे हैं उन्हीं के याद में होली मनाई जाती है ।

जब हमारा देश अंग्रेजों का गुलाम था तो उस वक्त होली मनाने के लिए भी हमें काफी सोचना पड़ता था क्योंकि होली के बारे में अंग्रेजों को यही पता था कि होली एक ऐसा पर्व है जो सभी धर्मों को एक साथ जोड़ता है एवं सभी लोग आपस में जब जुड़ जाएंगे तो इनके बीच एकता आ जाएगा क्योंकि अंग्रेजों ने अपनी रणनीति थी किसी तरह से बनाई थी कि फूट डालो और शासन करो इसीलिए अंग्रेजों के टाइम में होली नहीं मनाई जाती थी ।

होली का वर्णन श्रीमद्भागवत में भी आता है जहां पर होली को देवताओं का पर्व भी कहा गया है जिसमें असुरों पर विजय को मनाने के लिए होली जैसे पर्वों का निर्माण किया गया ।

इतना ही नहीं होली का भगवान श्रीकृष्ण की जिंदगी में भी एक अहम भूमिका है इसीलिए मथुरा में होली को बड़ी धूमधामाम के साथ मनाया जाता है, इसे हम कृष्ण  होली भी कहते हैं इस होली के पर्व में मथुरा में जनसैलाब उमड़ पड़ता है जहां पर रंगो, गुलालों एवं फूलों की पंखुड़ियों के साथ होली खेली जाती है ।

भारत में होली कैसे मनाई जाती है ?



भारत एक ऐसा देश है जहां पर सभी धर्मों के लोग आपस में पारस्परिक प्रेम एवं श्रद्धा बनाकर रखते हैं सभी लोग आपस में एक दूसरे की मदद करने के लिए तैयार रहते हैं 

हमारे देश भारत में होली को लेकर एक अलग उत्साह देखने को मिलता है देश के सभी जवान बच्चा एवं बूढ़ा वर्ग सभी इस त्यौहार में काफी अलग अंदाज में देखने को मिलते हैं ।

हमारे देश भारत में होली रंगों एवं गुलालों के साथ मनाया जाता है, इतना ही नहीं भारत में कुछ विशेष जगहों पर होली के दिन मटका फोड़ने की भी प्रथा होती है जिसमें सड़क के बीचो-बीच एक मटके को लटकाया जाता है जिसे फोड़ने के लिए कुछ युवक एक पिरामिड जैसा चक्र बनाते हैं जिस पर एक पर एक युवा खड़े होकर कंधे पर ऊपर चढ़ने की कोशिश करते हैं और मटके को फोड़ते हैं ।

यह प्रथा श्री कृष्ण की चोरी-छिपे माखन खाने की दंत कथाओं को दर्शाता है जब श्री कृष्ण अपने घर में माखन चुराते थे अपने मित्रों के साथ तो वह इसी तरह से अपने मित्र के कंधे पर खड़े होकर माखन की मटकी फोड़ कर मक्खन निकाल लेते थे ।

हमारे देश में होली का अलग रंग देखने को मिलता है यहां के बच्चे काफी शरारती होते हैं जो रास्ता चलते हुए किसी भी आदमी के शरीर को रंगों से लाल कर देता है और हंसते पर कहता है बुरा न मानो होली है ।

तो होली के दिन जरा संभल कर बाहर निकलीएगा क्योंकि कुछ शरारती तत्व आजकल होली को एक बड़ी दुर्घटना में बदलने की कोशिश में लगे रहते हैं वह आपके ऊपर मोबीइल या कीचड़ भी फेंक देते हैं ।

होली हमें सावधानीपूर्वक मनानी चाहिए क्योंकि इसका एक अलग धार्मिक महत्व है हमें इस दिन अपने आप को प्राकृतिक रंगों केमिकल वाले रंगों एवं गूलालों से बचकर खेलना चाहिए और हो सके तो जल की बर्बादी भी नहीं करना चाहिए क्योंकि होली के दिन लोग जल की बहुत बर्बादी करते हैं जो सही नहीं है ।

होली मिलन समारोह में क्या होता है ?



होली मिलन समारोह जिस दिन रहता है उस दिन शाम को सभी लोग एक दूसरे के घरों में जाते हैं उनसे मिलने के लिए एवं स्वागत के लिए एक दूसरे को पकवान खिलाकर एवं गिफ्ट देकर स्वागत किया जाता है |

इसी समारोह को होली मिलन समारोह भी कहा जाता है इस दिन हमारे घर में अच्छा अच्छा पकवान बनता है जिसमें दही बड़ा सबसे महत्वपूर्ण होता है एवं बिहार में पुआ बनाया जाता है, यहाँ पर पकवान बना कर और पूजा कर के होली मनाया जाता है |

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